भारत का ट्रैक्टर उद्योग वित्त वर्ष 2026 में मजबूती के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। नवीनतम आईसीआरए रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष ट्रैक्टर उद्योग में 8–10% की वृद्धि की उम्मीद है, जो पहले के 4–7% के अनुमान से अधिक है। इस बढ़त के पीछे मुख्य कारण हैं – अच्छा मानसून, जीएसटी में राहत, और ग्रामीण बाजार में सुधार।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल देश में वर्षा लॉन्ग पीरियड एवरेज के 108% तक रहने का अनुमान है। पर्याप्त बारिश से खेती में बुवाई बढ़ेगी, फसलें अच्छी होंगी और किसानों की आय बढ़ेगी। जब किसानों की आमदनी बढ़ती है, तो वे सबसे पहले ट्रैक्टर में निवेश करते हैं। इसी कारण ट्रैक्टर उद्योग की वृद्धि सीधे अच्छे मानसून से जुड़ी मानी जाती है।
आईसीआरए के मुताबिक, इस साल प्रमुख राज्यों में थोक बिक्री में सुधार देखा गया है। सितंबर 2025 में ट्रैक्टर की थोक बिक्री में 45% की बढ़ोतरी हुई, जबकि वित्त वर्ष 2026 की कुल बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 19% बढ़ी। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्य इसमें अग्रणी हैं। वहीं तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों में भी सिंचाई और मशीनीकरण बढ़ने से मांग में सुधार हुआ है।
सरकार द्वारा ट्रैक्टर के पुर्जों पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% करने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। इससे ट्रैक्टर की रखरखाव लागत घटी है और खरीदारी की क्षमता बढ़ी है। डीलर बताते हैं कि अब किसानों और ग्रामीण खरीदारों में खरीदारी का उत्साह दिख रहा है।
खेती के अलावा अब ट्रैक्टर का इस्तेमाल कई व्यवसाय कार्यों में भी होने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर का उपयोग ढुलाई, निर्माण कार्य और माल परिवहन के लिए किया जा रहा है। इससे पूरे साल मांग बनी रहती है और ट्रैक्टर उद्योग का दायरा बढ़ रहा है। निर्माता अब ऐसे मॉडल ला रहे हैं जो ज्यादा टॉर्क, बेहतर माइलेज और बहुउपयोगी क्षमता के साथ आते हैं।
हालांकि खुदरा बिक्री में वृद्धि अभी सीमित है। सितंबर 2025 में खुदरा बिक्री केवल 4% बढ़ी। वहीं स्टील और टायर की बढ़ती लागत कंपनियों के मुनाफे पर असर डाल सकती है। फिर भी स्थिर कच्चे माल की कीमतें और मजबूत लागत नियंत्रण उद्योग को संतुलित बनाए रखते हैं।
कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026 ट्रैक्टर उद्योग के लिए आशाजनक वर्ष साबित हो सकता है। अच्छा मानसून, सरकारी राहत और ग्रामीण मांग मिलकर एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं। अनुमानित 8–10% की वृद्धि न केवल ट्रैक्टर बिक्री में सुधार का संकेत है, बल्कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नए आत्मविश्वास का प्रतीक भी है।
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