भारत में ट्रैक्टर उद्योग ने सितम्बर 2025 में जोरदार छलांग लगाई है। ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) के आँकड़ों के अनुसार, देश के अंदर ट्रैक्टर की आपूर्ति में साल-दर-साल 45% की बढ़ोतरी हुई है और कुल 146,180 ट्रैक्टर बेचे गए। कुल बिक्री (जिसमें निर्यात भी शामिल है) 43% बढ़कर 154,417 ट्रैक्टर रही, जबकि पिछले साल इसी महीने 107,030 ट्रैक्टर बिके थे।
हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने कृषि उपकरणों और ट्रैक्टर पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया। इस निर्णय से खरीदारों का विश्वास बढ़ा और त्योहारों से पहले की माँग ने बिक्री को नया ऊँचाई दी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, जो देश की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है, ने सितम्बर 2025 में घरेलू बिक्री में 50% की बढ़ोतरी दर्ज की। कंपनी ने 64,946 ट्रैक्टर बेचे, जबकि पिछले साल सितम्बर में 43,201 ट्रैक्टर बिके थे। निर्यात मिलाकर कंपनी ने कुल 66,111 ट्रैक्टर भेजे, जो साल-दर-साल 49% की वृद्धि है।
महिंद्रा फार्म उपकरण व्यवसाय के अध्यक्ष वीजय नाकरा ने बताया कि जीएसटी में कटौती, नवरात्रि से पहले की माँग, अच्छा मानसून, फसल क्षेत्र में बढ़ोतरी और खरीफ फसल के अच्छे अनुमान ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (ईकेएल) ने सितम्बर महीने में अब तक की सबसे अधिक बिक्री की। कंपनी ने 18,267 ट्रैक्टर बेचे, जो पिछले साल के मुकाबले 47.6% की बढ़ोतरी है (पिछले साल 12,380 ट्रैक्टर बिके थे)। घरेलू बिक्री 48.5% बढ़कर 17,803 ट्रैक्टर रही और निर्यात 17.5% बढ़कर 464 ट्रैक्टर हो गया।
कंपनी ने इस वृद्धि का श्रेय ग्रामीण इलाकों में मजबूत खर्च, जलाशयों में अच्छा जलस्तर, त्योहारों से पहले की खरीदी और जीएसटी में कटौती को दिया, जिससे छोटे और मध्यम किसानों के लिए ट्रैक्टर खरीदना आसान हुआ।
अगस्त की तुलना में सितम्बर में ट्रैक्टर बिक्री में 100% से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है। अगस्त में जहाँ 73,199 ट्रैक्टर बिके थे, वहीं सितम्बर में यह संख्या बढ़कर 146,000 से अधिक हो गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रफ्तार रबी सीजन में भी बनी रहेगी। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं:
जीएसटी दर में कटौती से प्रत्येक ट्रैक्टर पर किसानों को ₹40,000 से ₹60,000 तक की बचत हुई है, जिससे खासकर छोटे किसान और ग्रामीण व्यवसायी ट्रैक्टर खरीद पाने में सक्षम हुए हैं।
पिछले साल के मुकाबले ट्रैक्टर निर्यात 10% बढ़कर 8,237 ट्रैक्टर रहा (पिछले साल 7,488)। यह वृद्धि दर्शाती है कि अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण अमेरिका जैसे क्षेत्रों में भारतीय ट्रैक्टरों की माँग लगातार बढ़ रही है, जहाँ कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सकारात्मक आर्थिक संकेतों, कम करों और त्योहारों की माँग के कारण भारत का ट्रैक्टर उद्योग तेज़ी से बढ़ रहा है। सितम्बर 2025 का प्रदर्शन यह साबित करता है कि यह उद्योग मजबूत स्थिति में है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में भी जारी रहेगी।91ट्रैक्टर के साथ जुड़े रहें और ट्रैक्टर व कृषि उद्योग से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, लेख और जानकारियाँ प्राप्त करें। हमारे यूट्यूब को सब्सक्राइब करना न भूलें और नवीनतम वीडियो व अपडेट्स के लिए हमें फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर फ़ॉलो करें।