खेती को बढ़ावा देने के लिए ट्रैक्टर और पार्ट्स पर जीएसटी घटाकर 5% किया गया

05 Sep 2025

खेती को बढ़ावा देने के लिए ट्रैक्टर और पार्ट्स पर जीएसटी घटाकर 5% किया गया

किसानों को राहत: ट्रैक्टर, पार्ट्स और व्यवसाय वाहनों पर जीएसटी घटाकर 5%, कृषि उपकरण हुए सस्ते, उत्पादकता में बढ़ोतरी।

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PV

By Pratham

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किसानों और ट्रैक्टर उद्योग को कर में राहत

जीएसटी काउंसिल ने ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर लगने वाला टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इस फैसले से ग्रामीण इलाकों में खेती के साधनों का उपयोग बढ़ेगा और किसानों के लिए इन्हें खरीदना आसान होगा। अब ट्रैक्टर के टायर और पार्ट्स पर भी केवल 5% जीएसटी लगेगा, जबकि पहले यह 18% था।

नई दरों के अनुसार, खेती और ऑफ-रोड काम में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर पर 5% जीएसटी लगेगा। वहीं सड़क पर इस्तेमाल होने वाले वे ट्रैक्टर, जो सेमी-ट्रेलर खींचते हैं और जिनकी इंजन क्षमता 1800 सीसी से अधिक है, उन पर अब 18% जीएसटी लगेगा, जबकि पहले 28% लगता था।

खेती के औजारों पर भी राहत

केवल ट्रैक्टर ही नहीं, बल्कि मिट्टी की तैयारी, बुआई, कटाई, मड़ाई, गठरी बनाने, चारा ले जाने और कम्पोस्ट बनाने वाले औजारों पर भी जीएसटी घटाया गया है। इससे किसानों के लिए आधुनिक मशीनें सस्ती होंगी और बढ़ती लागत के समय पर उनकी मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के बाद कहा कि यह फैसला आम आदमी, श्रम-आधारित क्षेत्रों और कृषि को सहयोग देने के लिए लिया गया है और लंबे समय से चली आ रही टैक्स दरों की गड़बड़ी को दूर किया गया है।

ट्रैक्टर उद्योग ने स्वागत किया

ट्रैक्टर उद्योग से जुड़े नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे समयानुकूल और विकासकारी बताया है।

महिंद्रा समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक अनीश शाह ने कहा कि ये सुधार न केवल घरों को तुरंत राहत देंगे, बल्कि ऑटोमोबाइल, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों को भी मजबूत करेंगे, जो रोज़गार और टिकाऊ विकास के लिए बेहद ज़रूरी हैं।

सीएनएच इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नरेंद्र मित्तल ने कहा कि इन सुधारों से ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, बेलर और औजार किसानों के लिए और सस्ते होंगे। इससे खेती में मशीनों का उपयोग बढ़ेगा, किसानों की लागत कम होगी और उनकी उत्पादकता बढ़ेगी। साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा क्योंकि किसान अब अधिक संख्या में बेलिंग समाधान अपना पाएंगे, जिससे पराली जलाने की समस्या कम होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि सीएनएच के लिए यह एक बेहतर माहौल है जिससे हम भारत में और ज्यादा स्थानीयकरण, नवाचार और नए उत्पाद ला सकें और भारत को वैश्विक स्तर पर कृषि मशीनरी का केंद्र बना सकें।

किसानों और व्यवसाय वाहन जीएसटी पर असर

ट्रैक्टर और पार्ट्स पर कम जीएसटी से छोटे और सीमांत किसानों को मशीनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह ऐसे समय में आया है जब किसानों को लागत बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सस्ते दामों में मशीनें मिलने से उनकी उत्पादकता बढ़ेगी।

आईसीआरए के अनुसार, ट्रैक्टर उद्योग 2025–26 में 4% से 7% तक बढ़ सकता है। 2024–25 में खुदरा बिक्री थोड़ी कम रही, लेकिन जुलाई 2025 में थोक बिक्री पिछले साल के मुकाबले 8% बढ़ी।

यह राहत व्यवसाय वाहनों पर जीएसटी सुधारों का भी हिस्सा है। यात्री वाहन, तीन पहिया वाहन, बस, ट्रक और एम्बुलेंस पर भी दरें 28% से घटाकर 18% कर दी गई हैं।

निष्कर्ष

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि “आम आदमी की रोजमर्रा की ज़रूरतों और ज़रूरी क्षेत्रों पर लगने वाले हर टैक्स की समीक्षा की गई है और ज़्यादातर मामलों में दरें काफी घटाई गई हैं।”

सरकार का ट्रैक्टर और व्यवसाय वाहनों पर जीएसटी घटाने का फैसला कृषि को सहारा देने, मशीनें सस्ती करने और ट्रैक्टर उद्योग को तेज़ी से आगे बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।

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