ट्रैक्टर निर्माता 50 HP से कम ट्रैक्टरों के लिए TREM-V नियमों को 2028 तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं

06 Nov 2025

ट्रैक्टर निर्माता 50 HP से कम ट्रैक्टरों के लिए TREM-V नियमों को 2028 तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं

ट्रैक्टर निर्माता 50 HP से कम ट्रैक्टरों के लिए TREM-V नियमों की समय सीमा 2028 तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लागत व तैयारी कारण।

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By Indraroop

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देशभर के ट्रैक्टर निर्माता सरकार से मांग कर रहे हैं कि 50 HP से कम ट्रैक्टरों पर लागू होने वाले TREM-V उत्सर्जन नियमों की समय सीमा 2028 तक बढ़ाई जाए। यह मांग इसलिए की जा रही है क्योंकि उत्पादन लागत बढ़ रही है, तकनीकी तैयारी पूरी नहीं है और छोटे व सीमांत किसानों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा।

TREM-V नियमों का उद्देश्य ट्रैक्टरों से निकलने वाले धुएं में मौजूद छोटे कण (Particulate Matter) और नाइट्रोजन ऑक्साइड को कम करना है। ये नियम मौजूदा TREM-IV नियमों से कहीं सख्त हैं, जो अभी 50 HP से ऊपर के ट्रैक्टरों पर लागू हैं। लेकिन भारत में ज्यादातर ट्रैक्टर 25 से 50 HP के बीच के हैं, जो अब भी पुराने TREM-IIIA नियमों पर चल रहे हैं। ये ट्रैक्टर छोटे किसानों के लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि देश की ज़्यादातर खेती छोटे खेतों पर होती है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटो और फार्म सेक्टर के कार्यकारी निदेशक और सीईओ राजेश जेजुरिकार ने कहा कि TMA ने सरकार को सुझाव दिया है कि 25–50 HP के ट्रैक्टरों पर TREM-V नियम 2028 से लागू किए जाएं। वहीं, 25 HP से कम ट्रैक्टरों के लिए चर्चा जारी है। उन्होंने कहा कि “फिलहाल जो समाधान मौजूद हैं, वे बहुत महंगे हैं, इसलिए हम सरकार से व्यावहारिक तरीका खोजने की बात कर रहे हैं।”

उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये नियम जल्दी लागू किए गए, तो ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर की कीमतें बढ़ेंगी और किसानों की पहुंच कम हो जाएगी। नई तकनीक वाले इंजन और उनके रखरखाव में ज्यादा खर्च आएगा, जिससे छोटे इलाकों के मिस्त्री (मैकेनिक) के लिए भी दिक्कत होगी क्योंकि उनके पास जरूरी उपकरण और प्रशिक्षण नहीं है।

एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड के ग्रुप सीएफओ और TMA की वित्त समिति के प्रमुख भारत मदान ने कहा कि अगर ये नियम जल्द लागू हुए, तो किसानों के लिए खर्च बहुत बढ़ जाएगा। “ऊंचे उत्सर्जन मानक से ट्रैक्टर की कीमतें बढ़ेंगी और स्थानीय कार्यशालाओं में मरम्मत करना भी मुश्किल होगा,” उन्होंने कहा। TMA ने सरकार को सुझाव दिए हैं कि ऐसा समाधान निकले जिसमें ईंधन विकल्प और किसानों की सामर्थ्य दोनों का ध्यान रखा जाए।

ट्रैक्टर निर्माता साफ तकनीक के समर्थन में हैं, लेकिन उनका कहना है कि इसे लागू करते समय जमीनी हकीकत को समझना जरूरी है। अगर यह जल्दी लागू हुआ, तो छोटे किसानों में मशीनीकरण की रफ्तार धीमी हो जाएगी और सस्ती मशीनों तक पहुंच कम हो जाएगी।

अभी तक सरकार ने 50 HP से कम ट्रैक्टरों के लिए TREM-V नियमों की तारीख पर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है। नीति निर्माता, TMA और प्रमुख ओईएम कंपनियों के बीच चर्चा जारी है ताकि ऐसा तरीका निकले जिससे पर्यावरण की सुरक्षा और किसानों की आर्थिक स्थिति दोनों बनी रहें।

अगर 2028 तक की समय सीमा बढ़ा दी जाती है, तो निर्माताओं को तकनीक को स्थानीय स्तर पर विकसित करने, लागत कम करने और ग्रामीण सेवा नेटवर्क को प्रशिक्षित करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। इससे अगली पीढ़ी के ट्रैक्टरों में नए उत्सर्जन मानकों को अपनाना आसान होगा और किसानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

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